Pregnancy before marriage Hardik Pandiya and his girlfriend | शादी से पहले प्रेग्नेंसी: जानें, क्यों हार्दिक-नताशा हो सकते हैं आम कपल्स के लिए गलत प्रेरणा

हार्दिक पांड्या और नताशा स्टेनकोविक ने पहले अपनी सगाई और अब प्रेग्नेंसी के बारे में अनाउंसमेंट कर सभी को हैरान कर दिया है। इस फेज को कपल काफी इंजॉय कर रहा है। हार्दिक अपनी मंगेतर के साथ प्रेग्नेंसी पीरियड में हर समय साथ बने हुए हैं और उन्हें पूरा सपोर्ट दे रहे हैं। इस कपल के लिए दुनियाभर से बधाई संदेश सोशल मीडिया पर भेजे गए हैं, लेकिन यह बात भी इग्नोर नहीं की जा सकती कि किसी आम कपल का इस तरह की स्थिति में आना, उनके लिए परेशानी की वजह बन सकता है। इसके पीछे कई तरह के कारण हो सकते हैं।


समाज के सवाल

NBT
दुनिया में सिर्फ वही व्यक्ति सही मायनों में खुश रह सकता है, जो अपने लिए खुद खुशी की परिभाषा लिखे और उसे इससे फर्क न पड़े कि दूसरे क्या सोचते हैं। हालांकि, ऐसा होना थोड़ा मुश्किल है। सिलेब्रिटी जिस सर्कल में मूव करते हैं, वहां पर वेस्टर्न सोच का ज्यादा प्रभाव है, जिससे शादी से पहले प्रेग्नेंसी की चीज को भी स्वीकार किया जाता है। बात जब आम कपल की हो, तो उसे अपने परिवार के साथ ही समाज के सवालों और तानों का सामना करना पड़ सकता है। शादी से पहले मंगेतर का प्रेगनेंट हो जाना ऐसी चीज है, जिसे आज भी इंडियन सोसायटी में स्वीकार किया जाना मुश्किल है।

मेडिकल ऐंड इमोशनल सपोर्ट

NBT

शादी से पहले की प्रेग्नेंसी वाले केस में कपल को मेडिकल और इमोशनल सपोर्ट मिलने में भी परेशानी होती है। आज भी ऐसे कई केस सामने आते हैं, जिसमें इस स्थिति से गुजरने वाले कपल्स को डॉक्टर्स अपने सवालों और कॉमेंट्स से शर्मिंदा करते हैं। इससे कपल मेडिकल हेल्प लेने में भी हिचकिचाता है और इसका खामियाजा महिला को भुगतना पड़ सकता है।

वहीं प्रेग्नेंसी में सिर्फ महिला ही नहीं बल्कि पुरुष को ऐसे लोगों की जरूरत होती है, जो उन्हें सही सलाह देते हुए इमोशनल सपोर्ट दे सकें। हालांकि, शादी से पहले मंगेतर के गर्भवती होने वाली स्थिति में यह इमोशनल सपोर्ट मिलना इंडियन सोसायटी में खासतौर पर काफी मुश्किल होता है।

जॉब रिस्क

NBT

शादी से पहले प्रेग्नेंसी की स्थिति महिला के लिए जॉब जाने के रिस्क को बढ़ा सकती है। कई कंपनियां इसे महिला का प्राइवेट मैटर मान इग्नोर कर सकती हैं, तो कुछ में उन पर कंपनी की इमेज के खातिर नौकरी छोड़ने का दबाव डाला जा सकता है। ऑफिस की ओर से दबाव न भी डले, तो साथ के कर्मचारियों के सवाल, गॉसिप और इनडायरेक्ट कॉमेंट के कारण महिला इतनी असहज हो सकती है कि वह खुद ही जॉब छोड़ दे।

प्रेशर और तकरार

NBT

समाज, परिवार, रिश्तेदार, दोस्त और ऑफिस से जब सिर्फ सवाल और ताने मिलें, तो किसी के लिए भी स्थिति को हैंडल करना मुश्किल हो सकता है। प्रेग्नेंसी अपने आप में ही मेंटल ऐंड इमोशनल प्रेशर लेकर आती है, ऐसे में बाहरी सपोर्ट में कमी से कपल एक-दूसरे पर अपना स्ट्रेस निकालने लगता है। यह उनके बीच रोज के झगड़े की वजह बन सकता है, जिससे दोनों अलग होने की राह भी चुन सकते हैं।

सिंगल मदरहुड

NBT

ऐसे कई केस दुनियाभर में मौजूद हैं, जिनमें शादी से पहले मंगेतर के साथ शारीरिक संबंध बनाने पर जब प्रेग्नेंसी हुई, तो पुरुष साथी भाग खड़ा हुआ। ऐसे में महिला यदि बच्चे को रखने का फैसला करती है, तो उसे सिंगल मदरहुड की स्टेज से गुजरना पड़ता है। इंडियन सोसायटी में आज भी सिंगल पैरंट खासतौर से सिंगल मॉम को कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं जब बच्चा स्कूल जाना शुरू करता है और दुनिया के संपर्क में आता है, तो उसे भी कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है


Comments